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मदिरा सवैया बोलन में कुछ दाम नहीं लगता बस उत्तम मोहक हो । मोहन की मुरली मनरंजक धन्य सदा सुख पोषक हो। सभ्य बने सबकी रसना सबका मन शंकर बोधक हो। ...
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