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रोली




रोली

       मात्रा भार 11/11

      सम चरण तुकांत

      11 -11 पर यति

     (अभिनव अन्वेषण)


सज्जन से कर प्रेम,सज्जन सुजन महान।

सज्जनता प्रिय धर्म, मन से कर गुणगान।।


मत पहुँचाना कष्ट, रच सुखदा प्रिय राह।

बनो सुखी इंसान,रख हितकारी चाह।।


धोखा देना पाप, रहो संत के ग्राम।

सच्ची राह बताय,बन नैसर्गिक धाम।।


भूलो अपना देह, कर आतम को याद।

लगे ईश से नेह,करो नित्य फरियाद।।


मानव बनना सीख, तपसी बनो कठोर।

उत्तमता ही ध्येय, सतत लगाओ जोर।।


पारस पावन स्तुत्य, लौह कनक बन जाय ।

सन्त मिलन सौभाग्य,एक सुकर्म सहाय।।


सच्चे सुंदर मीत, होते संकटहार।

नहीं छोड़ते साथ, बनते पालनहार।।


आभा का कर थाम, चला जो नित करता।

प्रतिभा से सम्पन्न, वही आगे बढ़ता।।





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1 Comments

Renu

23-Jan-2023 05:02 PM

👍👍🌺

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