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सवैया



सवैया


हँस कर चलना सब के दुअरे,सब का सम -मान करो नित रे।

सब को भजना सियराम कहो, रखना सब को अपने हिय रे।।

मद भाव कभी न रहे उर में,सब का बनना अतिशय प्रिय रे।

सब की सुनना गुनना मन में , बसना रहना सब के नियरे।।


चल प्रेम करो रघुनायक से, उन से हर बात  किया करना।

हटना मत पीछ सतत रहना , अपना दुख-शोक सदा कहना।।

नित राम रसायन पान करो,मनमस्त हुए चलते रहना।

रज चरण लिये सिर पर अपने,श्री राम राम कहते चलना।।





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2 Comments

Sachin dev

31-Dec-2022 06:08 PM

Well done

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