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सजल




सजल


तहेदिल से सजन को मनाया करो।

गुनगुनाया करो गीत गाया करो।।


सजन ही कलेजा है यह जान लो।

कलेजे को हरदम लुभाया करो।।


हो प्रसन्नानना मस्त सा बन चलो।

दिल की गंगा में गोते लगाया करो।।


मन के मालिन्य की नित सफाई करो।

स्वच्छ मन से सजन को सजाया करो।।


मन में आये अगर पाप रुकने न दो।

पुण्य का वेद नियमित पढ़ाया करो।।


नित्य रहना सजन संग सीखा करो।

सुख की संपत्ति निश्चित कमाया करो।।


प्रेम संगीत धारा परम निर्मला।

पावनी देव धारा बहाया करो।।


है सजन का मिलन दिव्य मन का फलक।

हर्ष से गीत साजन का गाया करो।।


छोड़ दो सारी जगती सजन के लिये।

साजना को हृदय से बुलाया करो।।


खुश रहो दुनियावालों स्वयं के लिये।

मित्रता में मधुर भाव लाया करो।।


खुश रहे मित्रता मित्रता के लिये।

विश्व की मित्रता को जिलाया करो।।


तार देकर बुलाओ सजन को सदा।

मन के मंदिर में प्रति क्षण बसाया करो।।





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1 Comments

Renu

25-Jan-2023 03:52 PM

👍👍🌺

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