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ममता



ममता   (सजल)


ममता, तेरी याद सुहानी।

कभी न करती हो मनमानी।।


सजल नेत्र से बातें करती।

तुम अति भावुक सरल लुभानी।।


जेहन में नित बसी हुई हो ।

गंगा जैसी परम पावनी।।


अतिशय कोमल सरल चित्तमय।

परम विनम्र सुसभ्य सावनी।।


नहीं किसी से याचन करती।

प्रेम बाँटती सहज दीवानी।।


सकल चराचर बसता दिल में।

बनी हुई तुम अमर कहानी।।


तन-मन-उर अमृत की सरिता।

बहती तेरी सुभग जवानी।।


तुम ब्रह्माणी सर्व शक्तिमय।

सर्वेश्वरि सर्वोच्च भवानी।।


तुम अकाट्य आराध्य सुधासम।

अजर अमर भव्या कल्याणी।।





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2 Comments

Renu

23-Jan-2023 04:46 PM

👍👍🌺

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अदिति झा

21-Jan-2023 10:34 PM

Nice 👍🏼

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