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मत्तगयंद/मालती सवैया मापनी 211 211 211 211 211 211 211 22 प्यार किया पर छोड़ दिया बतला तुमने फिर प्यार किया क्यों? प्यार नहीं यदि जानत हो तब प्यार अनर्थ किया ...
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