स्वर्णमुखी
स्वर्णमुखी
छटा प्रकृति की बहुत निराली।
सुंदर वन उपवन हिमनागर।
झरना सरिता जलद दिवाकर।
अति मनमोहक अनुपम प्याली।
खग कलरव मनमस्त सुहावन।
क्रीड़ा करते उड़-उड़ गगना।
सुक-पिक नाचत-गावत अँगना।
प्रकृति गोद में नियमित सावन।
लोकलुभावन छवि नैसर्गिक।
सूरज-चाँद-सितारे चमकत।
प्रिय सुगंध तरुवर से प्रसरत।
आह्लादक मनहार अलौकिक।
है अनमोल प्रकृति की माया।
कंचन वरण सुशोभित काया।।
Renu
22-Mar-2023 08:39 PM
👍👍💐
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