144 भाग
291 बार पढा गया
10 पसंद किया गया
अभिमुखी छंद जीवन को संतुलित बनाओ। आजीवन हर्षित हो जाओ। पुष्पित हो कर गमक गगन तक। मधु सुगंध का रस बरसाओ। दुविधाओं से दूर खड़ा रह। निश्चिन्तित हो नित्य चलो बह। ...
Don't have a profile? Create