अभिमुखी छंद

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अभिमुखी छंद जीवन को संतुलित बनाओ। आजीवन हर्षित हो जाओ। पुष्पित हो कर गमक गगन तक। मधु सुगंध का रस बरसाओ। दुविधाओं से दूर खड़ा रह। निश्चिन्तित हो नित्य चलो बह। ...

अध्याय

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