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अवसर

*अवसर*

अवसर मिलता मिलता रहता।
एक एक के बाद चहकता।।
आता है तो खुश हो आता।
मानव मधुशाला को जाता।।

यह किस्मत का खेल पुराना।
भाग्य योग पर य़ह दीवाना।।
नहीं भाग्य में जिसके अवसर।
वह जीता रहता मर मर कर।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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4 Comments

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 09:18 PM

बहुत खूब

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Mohammed urooj khan

22-Mar-2024 11:53 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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RISHITA

21-Mar-2024 11:18 PM

Awesome

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