80 भाग
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चांद तुम मुझे जब भूल जाओगी तब किसी दिन याद आओगी कोई दिन कभी आकर ठहर जाता आदमी चुप होकर कभी जब गुनगुनाता किसी को मन के पास पाता तुम उन्हीं ...