अम्बर

1 भाग

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विषय:-- स्वैच्छिक अंबर में.. रजत-सितारों जड़े, श्यामल - तिमिर - कपाट, मेंहदी रचे हाथों ने, निश्शब्द खोले.. पंछी बन बोले.. लो! प्रभात हो गया.! प्राची की देहरी बैठ, अपने युगल चरणों ...

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