रामी

315 भाग

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जाने कब सूरज डूब गया, दूर के हरे-हरे वृक्ष काले पड़ने लगे, आसमान के एक छोर से शुक्र - तारा झाँक उठा। सड़क के उस पार छप्परों से लहराता हुआ धुआँ ...

अध्याय

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