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ममता (सजल) ममता, तेरी याद सुहानी। कभी न करती हो मनमानी।। सजल नेत्र से बातें करती। तुम अति भावुक सरल लुभानी।। जेहन में नित बसी हुई हो । गंगा जैसी ...