तुम साथ चलो लक्ष्य मिलने तक
नमन मंच,
मेरे जज़्बात,
तुम साथ चलो लक्ष्य मिलने तक ,
मीत मेरी प्रीत जी रहें तुम्हे ही देख कर ।
मंजिल मिले साथ तुम दो
जो लड़खड़ा जाऊ थाम तुम लेना ।।
डर जो कसौटियों से जाऊं हिम्मत मेरी बांधना ।
हारने का जो सताए डर
जज़्बा मेरी जिंदा रखना ।।
लक्ष्य मिलने तक साथ तुम रहना ।
हाथ साथ तेरा जीवन डगर जरूरी मीत मेरी तुम प्रीत ।।
बाते तेरी बढ़ाए हौसला मेरा ।
मेरी हिम्मत बनना मेरी कमजोरी नहीं ।।
देख तुमको बढ़ू आगे हौसला बढ़ाना मेरा ।
हाथ जो कांपे राह में थाम हाथ तुम लेना ।।
डर मेरा घूम हो जायेगा
संग तेरे हर डर को नाप लेंगे सारे अंधेरे को ।
कोहरा वो कोहरा नही टूटा मेरा विश्वास है ।
कोहरे को भी चिरेगा मेरा हौसला ।।
मेरे आँसु धो देंगे सारे डर को ।
खड़ा लड़खड़ा कर फिर देख तेरी तरफ हो जाऊंगा ।
वर्षा उपाध्याय,खंडवा.
Reyaan
18-Jan-2024 12:19 AM
V nice
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Alka jain
17-Jan-2024 06:09 PM
Nice
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Sushi saxena
16-Jan-2024 08:06 PM
Nice
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