आजादी का मूल्य
*आजादी का मूल्य*
आजादी का मूल्य जानता,जो है आज गुलाम।
आजादी के मिल जाने पर,लेता मन विश्राम।
आजादी को कायम रखना,राष्ट्रजनों का काम।
जो करता बर्बाद राष्ट्र को,उसका पापी नाम।
खून बहाने पर मिलती है,आजादी को जान।
जंजीरों में कसा हुआ जो,उसमें कहाँ है जान।
वीर शहीदों के बलबूते,होत देश आजाद।
स्वाभिमान है जिसके भीतर,वह है जिंदावाद।
आजादी अमृत समान है,हो पीने की चाह।
जो इसको पीने का आदी,उसकी अनुपम राह।
बहुत दिनों के संघर्षों से,होता मन आजाद।
सदा महोत्सव आजादी में,दिखता अमृतवाद।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।
Milind salve
12-Aug-2023 12:47 PM
Nice 👍🏼
Reply
Varsha_Upadhyay
10-Aug-2023 08:44 PM
बहुत खूब
Reply