Rajesh rajesh

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लेखनी कहानी -09-Feb-2023 ऑफिस का स्टाफ

सचिन समझदार सुलझा हुआ पढ़ा-लिखा युवक था। सचिन जिस ऑफिस में काम करता था वहां 8-10 लोगों का स्टाफ था। सचिन के खुशमिजाज स्वभाव की वजह से ऑफिस के बाकी स्टाफ की भी निराशा दूर हो जाती थी।


सचिन के माता-पिता जब भी घर में कथा भागवत करवाते थे तो उसके बाद छोटा-मोटा भंडारा जरूर करते थे। और घर में जब भी पूजा होती थी तो सचिन के पूरे स्टाफ को निमंत्रण जरूर देते थे।

जिस दिन सचिन ऑफिस नहीं जाता था तो सचिन के स्टाफ के लोगों को उस दिन सचिन के बिना ऑफिस खाली-खाली लगता था। सचिन के स्टाफ का कोई भी कर्मचारी किसी समय जब कोई भी परेशानी में होता था तो सचिन जब तक चैन से नहीं बैठता था जब तक उसकी समस्या हल ना  कर दे।

 एक दिन सचिन रोज की तरह जब अपने ऑफिस जाता है तो सचिन को अपने ऑफिस के स्टाफ से पता चलता है कि उसे ऑफिस के काम की वजह से दूसरे शहर में 5 वर्ष के लिए रहना पड़ेगा।

एक सप्ताह बाद सचिन ऑफिस के स्टाफ से मिल कर अपने माता-पिता के साथ दूसरे शहर 5 वर्ष के लिए रहने के लिए चला जाता है।

सचिन के जाने के बाद उसके ऑफिस के स्टाफ को सचिन के बिना ऑफिस बहुत खाली-खाली लगता था। सचिन दूसरे शहर में माता पिता के साथ अनजान लोगों के साथ अपनी जिंदगी जीने लगता है।

दूसरे शहर में माता-पिता के साथ रहते-रहते सचिन को 2 वर्ष भी जाते हैं। एक दिन सचिन के माता-पिता के पास सचिन की शादी का रिश्ता आता है। और वह धूमधाम से सचिन की शादी कर देते हैं।

सचिन की पत्नी अनीता घरेलू समझदार पढ़ी-लिखी लड़की थी। अपनी पत्नी अनीता की वजह से उसके जीवन में और खुशियां आ जाती हैं।

 एक दिन सचिन अपने घर से सुबह ऑफिस जा रहा था तो उसे घर के आंगन में एक गुमनाम खत जमीन पर पड़ा हुआ मिलता है। सचिन उस गुमनाम खत को जमीन से उठाकर अपनी जेब में रख लेता है और ऑफिस चला जाता है। सचिन अपने ऑफिस में जाकर गुमनाम खत को पढ़ता है तो उस खत पर लिखा था कि अनीता तुम सिर्फ मेरी हो तुम किसी और की नहीं हो सकती हो।

 गुमनाम खत को पढ़ने के बाद सचिन उस दिन से उदास हो निराश रहने लगता है। वह उस खत के बारे में अपनी पत्नी को भी नहीं बताता गुमनाम खत पढ़ने के बाद सचिन घुट घुट कर जीने लगता है।

5 बरस के बाद सचिन की दोबारा पुराने ऑफिस में नियुक्ति हो जाती है। सचिन अब पहले जैसे ज्यादा खुश नहीं रहता था।

उस गुमनाम खत का सचिन के दिमाग पर इतना गहरा असर होता है कि वह आत्महत्या का फैसला कर लेता है। और सचिन अपने ऑफिस के केबिन में बैठकर जहर शीशी से पीने लगता है। उसी समय स्टाफ के लोग आकर सचिन को आत्महत्या करने से रोक लेते हैं। और सचिन से आत्महत्या का कारण पूछते हैं सचिन उस गुमनाम खत के बारे में अपने ऑफिस के स्टाफ को सारी बात बताता है।

 ऑफिस का स्टाफ एक महीने के अंदर गुमनाम खत लिखने वाले व्यक्ति को सचिन के सामने पकड़कर ले आते हैं। वह व्यक्ति ऑफिस के स्टाफ और सचिन को बताता है कि मैं सुबह अखबार बांटने का काम करता हूं। शायद अखबार बांटते हुए मैं इनके घर के आंगन में गया हुंगा उस समय शायद मेरी जेब से यह गुमनाम खत गिर गया होगा। यह खत मैंने अपनी गर्लफ्रेंड अनीता को लिखा था।
उसकी यह बात सुनकर सचिन का चेहरा पहले जैसे खुशी से खिल जाता है। सचिन की जान अपने ऑफिस के स्टाफ की वजह से बच जाती है। और सचिन अपने स्टाफ के लोगों से गले मिलकर कहता है कि सबको अपने स्टाफ में प्यार मोहब्बत और मिल जुल कर रहना चाहिए।

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6 Comments

Gunjan Kamal

13-Feb-2023 11:38 AM

बहुत खूब

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अदिति झा

11-Feb-2023 12:08 PM

Nice 👌

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Varsha_Upadhyay

10-Feb-2023 08:59 PM

Nice 👍🏼

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