1 भाग
329 बार पढा गया
17 पसंद किया गया
विषय:-- स्वैच्छिक रिमझिम बरसाती बूंदों से,जलधर को घिरते देखा है। बादल के झीने आंचल से, मोती सा झरते देखा है।। मेरा मन पुष्पित उपवन है, यहां सदा बारिश का डेरा। रात ...
Don't have a profile? Create