मुक्तता

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मुक्तक-- दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं ! बिगड़ी तकदीर पर पर्दा गिरा लेते हैं ! कैसे कहूं- 'ये आंसू हमारे गहने हैं", इसलिए आंखों में सागर बसा लेते ...

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