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जिन दरों दीवार को तूने छुआ था, उनको मैं अब तलक चूमता हूँ। तेरे इश्क़ के नशे में चूर रहता हूँ! "निक्क" वाबलों की तरह झूमता हूँ।। लेखक : निखिल घावरे ...