1 भाग
265 बार पढा गया
27 पसंद किया गया
तू वृद्ध की तरह क्यों हताश बैठा है? तेरी तरूणाई का यौवनारम्भ करतें है। अभी तो जीवन की शुरुआत है पथिक! मंज़िल की तलाश का शुभारंभ करते है। कोई तुझे इस ...