तेरी गलियों से गुजरते थे कभी

1 भाग

308 बार पढा गया

7 पसंद किया गया

देख के तुझे हम सवरते थे कभी, तेरा नाम सुन निखरते थे कभी। आज भी तरो ताज़ा है वो मंज़र, जब तेरी गलियों से गुजरते थे कभी।। स्वरचित : निखिल घावरे ...

×