23 भाग
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आधे अधूरे मिसरे *23)-* किसी सुबह को शाम बना दे पगली मुक्तक नजरों को पैगाम, बनादे पगली। इस दिल को सुखधाम, बनादे पगली।। बस इतने अरमान, सजाए बैठा हूं। किसी ...
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