तुझे बनाना अपना हमसफ़र है

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ना ख़बर अपनी ना ख़बर-ए-दहर है, ये  मुझपे  तेरी  चाहत  का असर है। कुछ  बदला  है मंज़र नई ये सहर है, टूटा है मुझपे तेरी नज़रों का कहर है। मुहब्बत  की  ...

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