विषय:-- स्वैच्छिक (व्यंग कविता)

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विषय:-- स्वैच्छिक (व्यंग कविता) दो भ्रष्ट प्राणी, आपस में लड़ रहे थे! ईमानदार कौन..? इसी बात पर झगड़ रहे थे! फिर क्यों, परेशान होते हैं आप! भ्रष्टाचारी है, हम सबका बाप! ...

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