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हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया




हरिहरपुर के मिसिर की कुण्डलिया


शुभदा बन चलना सदा,शुभ फल देना सीख।

मधु भावों का पवन बन, बहते चल प्रिय दीख।।

बहते चल प्रिय दीख, सभी को करना शीतल।

निर्मलता का पुष्प, खिले सबके अंतस्थल।।

कहें मिसिर कविराय,वृत्ति हो उत्तम सुखदा।

रहे भावना शुद्ध, परम प्रिय अतिशय शुभदा।।





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2 Comments

Gunjan Kamal

23-Dec-2022 05:27 PM

शानदार

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Sachin dev

23-Dec-2022 05:13 PM

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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