लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2022
पैगाम लिखा बंद आंखों से उस रब को हमने
बताने के लिए अपने दिल का दर्द आज अपने
पर एहसास तब हुआ कि कोई हुआ अपना नही
बंद आंखों से देखे ख्वाबों को जब देखा उस रब ने
तो रोक नही पाया वो हंसने से मासूमियत पर मेरी
ख्वाबों में देखा था सबकी चाहतों का घर मैने
उम्मीद के सहारे पूरा करने का उस ख्वाब को
रब से की मिन्नते बहुत पर दिखा दी सबकी किस्मत की लकीरें उसने
कहा वो तूने सोचा बहुत अच्छा है पर उनके कर्मों ने
रोक दिया है तेरी चाहतों के सफर को अधूरा
लिखा है को तूने पैगाम मुझे पढ़ लिया है मैने
बताया जो दर्द तूने उसे समेटने का जिम्मा ले लिया है मैने
Punam verma
23-Dec-2022 09:37 AM
Very nice
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Mahendra Bhatt
23-Dec-2022 08:57 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Sachin dev
22-Dec-2022 06:10 PM
Nice
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