RAKHI Saroj

लाइब्रेरी में जोड़ें

लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2022

पैगाम


एक पैगाम मैं तेरे नाम लिख आई हूं
तू पढ़ ले अगर तेरे अक्स में अब भी
मेरी रूह का कोई कतरा बचा है बस
यही सोच कर एक पैगाम मैं तेरे नाम
लिख आई हूं, सोचा था बहुत कुछ कहूंगी
लेकिन कहने को‌ अब क्या कहूं बस
एक पैगाम मैं तेरे नाम रख आई हूं
कुछ यादों को बंद कर अपने सामान में
साथ ले आई हूं, तुझे बताने यह हाल बस
एक पैगाम तेरे नाम रख आई हूं, सोच कर
कुछ टूटे सपनों के घरौंदे के टुकड़े साथ रख
लाई थी, मेरे अक्स की तस्वीर तेरे पास 
एक पैगाम में बंद कर के रख आई थी।
        राखी सरोज 

   10
6 Comments

Punam verma

23-Dec-2022 09:41 AM

Very nice

Reply

Mahendra Bhatt

23-Dec-2022 08:56 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply

Sachin dev

22-Dec-2022 06:43 PM

Well done

Reply

RAKHI Saroj

22-Dec-2022 09:37 PM

Thank you

Reply