होलिका
होलिका (चौपाई)
लगातार होलिका जलाओ।
पापी मन को मार गिराओ।।
साधु-संत को नित्य बचाओ।
भक्ति भाव को सत्य बताओ।।
सत्य-विजय का पर्व मनाओ।
स्वच्छ हृदय की अलख जगाओ।।
देखो सब में नित ईश्वर को।
दे दो खुद को परमेंश्वर को।।
नाम होलिका परम अपावन।
आत्मघातिनी बहुत दुःखावन।।
अति अपकारी असहज दानव।
दुष्ट क्रूर अति पतित अमानव।।
बैठ चिता पर लिये भक्त को।
धर्मरती प्रह्लाद शक्त को।।
जल कर स्वयं राख हो गयी।
जल्द सुपुर्दे -खाक हो गयी।।
गन्दा चिन्तन नाम होलिका।
दूषित भाव कुबुद्धि नायिका।।
क्षद्म वेश को जल जाने दो।
पुण्य मनीषी को आने दो।।
नाम अमर प्रह्लाद निराला।
जिस के कर में अमृत प्याला।।
जो ईश्वर को दिल से भजता।
वह ईश्वर के घर में रहता।।
Gunjan Kamal
21-Dec-2022 09:37 PM
बेहतरीन
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Sachin dev
19-Dec-2022 01:40 PM
Well done
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