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प्रियवर





प्रियवर       (सजल)


प्रियवर को अपने कभी मत भुलाना।

निगाहों से अपनी कभी मत गिराना।।


प्रियवर सा पाना बहुत ही कठिन है।

प्रियवर है भावुक बहुत प्रिय सुहाना।।


होता उदय भाग्य मिलता है प्रियवर।

सजल मन से प्रियवर को निश्चित बुलाना।।


अहोभाग्य तेरा जो पाये हो प्रियवर।

गले से लगाकर हृदय में बसाना।।


बहुत यार तेरा मजा देगा तुझको।

नजरों में अपने तुम उसको सजाना।।


मस्ती भरी जिंदगी हो सुहानी।

प्रियवर की प्रतिमा की काया बनाना।।


इसी कल्पना को स्वीकारो तुम मन से।

आस्था व विश्वास कर बढ़ते जाना।।





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2 Comments

Muskan khan

12-Dec-2022 07:42 PM

Nice 👌

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Rajeev kumar jha

12-Dec-2022 03:38 AM

बहुत खूब

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