राधेश्यामी छंद
137……. राधेश्यामी छंद
एक चरण में 32 मात्रा
16 ,16 मात्रा पर यति
दो चरण तुकांत
कुल 4 चरण
कृष्ण सुनावत प्रेम कथा नित, सुंदर मोहक भाव भरे हैं।
प्यार प्रशिक्षण होय सदा सब ,के उर पर कर स्नेह धरे हैं।
दिव्य अदा प्रिय चाल मनोहर, रूप विशिष्ट सदा सुखदायी।
नेह सिखावत हैं जग को प्रभु, गीत सुनावत हैं मदमायी।
प्रीति सुनीति बतावत गावत, दृश्य अमोल दिखावत भावत।
सखियां सब मस्त दिखें मधुवन, झूमत हैं सब ढोल बजावत।
अनुराग प्रसन्न सुखी सहजा , रति काम सुशोभित बीन बजे।
प्रेम प्रसंग जहां छिड़ता तहं, मधु पोषक रोचक श्याम सजे।
Gunjan Kamal
22-Nov-2022 11:12 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Teena yadav
21-Nov-2022 08:34 PM
Superb 👍👍👍
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