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प्रभात




ताण्डव छंद

चलो जहां प्रभाव शैव राम धाम छांव हो।
बढ़े सदा कदम सतत विधान देव गांव हो।
रुको नहीं झुको नहीं करस्थ धर्म ग्रंथ हो।
स्व नाम धन्य हो सदा सुकर्म भव्य पंथ हो।

रहे न काम एक भी अनाम राम जाप हो।
जपा करो तपा करो कटे अनिष्ट पाप हो।
सुवास हो सुगंध हो गुलाब पुष्प वाटिका।
सहर्ष दिव्य भावना रचे सुकृत्य नाटिका।

रचनाकार: डॉक्टर रामबली मिश्र
९८३८४५३८०१

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5 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 05:20 PM

शानदार

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Teena yadav

07-Nov-2022 08:14 PM

OSm

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Haaya meer

07-Nov-2022 07:17 PM

Amazing

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