Mahendra Bhatt

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हरे भरे है पेड़




हरे- भरे हैं पेड़ यहां पर,
दुनिया को सुख देते हैं।
देते सबको छांव बराबर,
सारे दुख हर लेते हैं।।
पेड़ खड़े हैं, चौराहे पर,
जग को राह दिखाते हैं।
संकेतों पर चल कर राही,
अपनी मंजिल पाते हैं।।
इन पेड़ों की रक्षाकरने,
सबको आगे आना है।
पेड़ हमारे शिक्षक होते,
इनका मान बढ़ाना है।।

      **महेन्द्र भट्ट
( कवि -लेखक-व्यंग्यकार)
        ग्वालियर

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5 Comments

Abhinav ji

21-Sep-2022 08:11 AM

Nice

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Swati chourasia

20-Sep-2022 04:37 PM

Very nice

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Reena yadav

19-Sep-2022 08:31 PM

👍👍

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