विधा:--गीत
विषय:--" वास्ता "
दीप जगमग आने का वास्ता है।
मिलन गीत गाने का वास्ता है।।
अपनों से दूर न होंगे अब कभी ,
ओंठ मुस्कुराने का वास्ता है।।
संसार सारा साथ है।
उजियारा लिए हाथ है।।
तम की औकात क्या है ,
बहारों वाली रात है।।
दिलों को मिलाने का वास्ता है।
दीप जगमगाने का वास्ता है।।
पवन मचाए धूम- धूम ।
आशाओं को चूम- चूम।।
सतरंगी चुनर ओढ़े,
चली दीपिका झूम-झूम।।
मन-मोर नचाने का वास्ता है।
दीप जगमग आने का वास्ता है।।
अवनि के गगन तक घेरे।
मावस के घोर अंधेरे।।
आलोकित है मन अपना,
मिट गए तिमिर के डेरे।।
संकल्प निभाने का वास्ता है।
दीप जगमगाने का वास्ता है।।
** महेन्द्र भट्ट
( कवि-लेखक-व्यंग्यकार)
ग्वालियर
Abhinav ji
21-Aug-2022 07:58 AM
Very nice👍
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Chetna swrnkar
22-Jul-2022 10:02 AM
Nice 👍
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Seema Priyadarshini sahay
19-Jul-2022 06:26 PM
बेहतरीन
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