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नहीं कमी कुछ भी (सोरठा )

*नहीं कमी कुछ भी (सोरठा )*

नहीं कमी आभास,पास में केवल रहना।
सहज मधुर अहसास, जिन्दगी अति मधुरिम है।।

जीवन में उल्लास,पंख फैलाए आये।
मन हो नहीं उदास,साथ निभाना साथिया।।

कभी साथ मत छोड़,तेरा ही है आसरा।
जाना मत मुँह मोड़,अति प्रियतम हो एक तुम।।

अपने में संपूर्ण,तुम्हीं स्नेह के सिन्धु हो।
सारा जग है चूर्ण,तुम समग्र हो भावमय।।

तुम्हीं दिव्य संकल्प,इस जीवन के लक्ष्य हो।
तेरा नहीं विकल्प,एक तुम्हीं अमृत सदा।।

तुम मादक संवाद,प्रीति निभाना जानते।
करते नहीं विवाद,मधुर वाक्य मुख से बहे।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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5 Comments

Reyaan

17-Jan-2024 11:37 PM

Nice one

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Gunjan Kamal

08-Jan-2024 08:50 PM

👏👌

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Milind salve

08-Jan-2024 07:39 AM

V nice

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