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जीवन है अनमोल




*जीवन है अनमोल*
मात्रा भार 11/11

जीवन है अनमोल,इसे मत खोना रे।
य़ह है अमृत बीज़,खाद दे बोना रे।।

होय परिश्रम नित्य,जिन्दगी सुधरेगी।
कौशल हो साकार,चाँदनी चमकेगी।।

 चित्त गगन हो पीत,प्यार का प्याला हो।
जीवन भू पर नेह,दृष्टि मधु हाला हो।।

बहुत सुखद संदेश,अगर जीवन हो सार्थक।
यही नरक की खान,रहे यदि यही निरर्थक।।

जीवन है संग्राम,हमेशा लड़ना है।
कभी न जाना चूक,निरन्तर चढ़ना है।।

जीवन का सम्मान,किया जो करता है।
वह रहता निष्काम,कर्मश्री बनता है।।

जीवन हो सरपंच,न्याय रखवाला हो।
रखे धर्म का ख्याल,मस्त मतवाला हो।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।




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1 Comments

Gunjan Kamal

03-Dec-2023 07:21 PM

👏👌

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