लाइब्रेरी में जोड़ें

खुश रहना मेरे यार




*खुश रहना मेरे यार*

 सदा प्रसन्नता रहे हँसी खुशी दिखे सदा।
रहे न कष्ट क्लेश द्वंद्व स्वस्थ जिस्म सर्वदा।।

हृदय रहे प्रफुल्ल नित्य प्रेम राग जागरण।
मिले सदैव स्निग्ध स्नेह भोर रश्मि का रमण।।

तरुण बना रहे युवा सरोज मन खिला करे।
सहायिका सरस्वती सप्रेम नित मिला करें।।

 घमंड का अभाव हो असत्य का विनाश हो।
बहे सदैव सत्य वायु भानु का प्रकाश हो।।

पुनीत धर्म संपदा सदा हृदय निवास हो।
उजास कर्म योग का स्वयं संदेह वास हो।।

कदम कदम बढ़ा करें सुपथ सुमन प्रसून मन।
चलो सहर्ष मान से मिला करे सुघर वतन।।

विनम्र वासना बनी रहे सदैव भामिनी।
दिवा चमक विखेरती दिखे शरीर यामिनी।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।





   5
2 Comments

Gunjan Kamal

22-Nov-2023 06:07 PM

👏🏻👌

Reply

Babita patel

19-Nov-2023 10:06 AM

👌👍

Reply