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यादों की सौगात -05-Jun-2023

प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 05/06/2023
यादों की सौगात 

ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं
ना जीते हैं
ना मरते हैं
ना चैन से 
सांस लेते हैं।
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।
कभी दिल घबराता बहुत
कभी कहता कहीं उड़ चलें
कभी हंसकर मुस्कुराते हम
कभी चुपके से रो पड़े।।
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।

ना जाने कब तक ?
हम करेंगे इंतज़ार तेरा
ना जाने कब तक ?
छुपकर करते रहेंगे
दीदार तेरा
कब मुलाकात होगी?
कब हसीन 
दिन और रात होगीं?
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।

शाहाना परवीन "शान"...✍️ 

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3 Comments

बहुत खूब

Reply

कमाल का लिखा आपने

Reply

Sushi saxena

05-Jun-2023 10:43 PM

वाह बहुत सुंदर

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