यादों की सौगात -05-Jun-2023
प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 05/06/2023
यादों की सौगात
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं
ना जीते हैं
ना मरते हैं
ना चैन से
सांस लेते हैं।
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।
कभी दिल घबराता बहुत
कभी कहता कहीं उड़ चलें
कभी हंसकर मुस्कुराते हम
कभी चुपके से रो पड़े।।
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।
ना जाने कब तक ?
हम करेंगे इंतज़ार तेरा
ना जाने कब तक ?
छुपकर करते रहेंगे
दीदार तेरा
कब मुलाकात होगी?
कब हसीन
दिन और रात होगीं?
ये यादें हैं सौगात तेरी जो
सीने से लगाए रहते हैं।।
शाहाना परवीन "शान"...✍️
डॉ. रामबली मिश्र
08-Jun-2023 06:39 PM
बहुत खूब
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ऋषभ दिव्येन्द्र
05-Jun-2023 11:06 PM
कमाल का लिखा आपने
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Sushi saxena
05-Jun-2023 10:43 PM
वाह बहुत सुंदर
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