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रंगों श्याम रंग में चुनरिया हमारी




रंगों श्याम रंग में चुनरिया हमारी।

////////////पूर्णिका/////////////

रंगों श्याम रंग में चुनरिया हमारी।

हमें श्याम भाती, मुरलिया प्यारी।


बहुत तुम सताते हमे श्याम सुंदर,

दिखाते नही अब सुरतिया मुरारी।


नजर से नजारे नजर को दिखाते,

बहुत मोह लेती नजरिया तुम्हारी।


'तेरी याद'में मीरा सुधबुध है खोई,

दरश मीराको दो संवरिया बिहारी।


बसंती हवाएं लुभाती, है तन मन,

मनमोहन आओ गुज॔रिया पुकारी।


राधारानी का मन नही लागे बृजमें,

राधा की क्यों है खबरिया बिसारी।


मुरली से यू ही कहों श्याम सुन्दर,

फगुनियां कोई गीत मनसे सुनारी।


ग्वाल,बाल,गइयां पग को निहारत,

आकरके निर्मल,कमलिया दिखारी।


सीताराम साहू'निर्मल'छतरपुर मप्र





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1 Comments

बहुत खूब

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