आराधना
नमन मंच
मेरी लेखनी,
आराधना
मेरे प्रभु मेरे दाता करूं तुझको वंदन ।
शीश झुका नित करूं तेरा वंदन
है नाथ रघुनंदन ।।
करूं तेरी आराधना मेरे दाता मेरे प्रभु ।
ये वार परिवार रिश्तों की दी तूने सुन्दर माला।।
रोना हँसना उठना बैठना अंधेरा उलियाला।
उपहार सर माथे दी छत आंचल खुशियों से दिया भर ।।
तेरा उपकार भूलूं न क्षण भर को।
नित नित करूं नाम की तेरे तुझसे प्रार्थना आराधना ।।
दिया झोली भर भर सम्हाले नही सम्हलता तू ही तो रखवाला ।
करती आराधना तेरी पूजा तेरी गुण गाऊ करूं अरज तुझसे
ही ।।
ये तन रखना स्वस्थ मन मैं न रखना मैल ।
दीप जले स्नेह के ऊर मैं ।
वर्षा उपाध्याय
खंडवा, एम. पी.
अदिति झा
27-Apr-2023 08:19 PM
Nice 👍🏼
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ऋषभ दिव्येन्द्र
27-Apr-2023 05:09 PM
बेहतरीन
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