लाइब्रेरी में जोड़ें

आराधना

नमन मंच
मेरी लेखनी,

          आराधना 



मेरे प्रभु मेरे दाता करूं तुझको वंदन ।
शीश झुका नित करूं तेरा वंदन 
है नाथ रघुनंदन ।।
करूं तेरी आराधना मेरे दाता मेरे प्रभु ।
ये वार परिवार रिश्तों की दी तूने सुन्दर माला।।
रोना हँसना उठना बैठना अंधेरा उलियाला।
उपहार सर माथे दी छत आंचल खुशियों से दिया भर ।।
तेरा उपकार भूलूं न क्षण भर को।
नित नित करूं नाम की तेरे तुझसे प्रार्थना आराधना ।।
दिया झोली भर भर सम्हाले नही सम्हलता तू ही तो रखवाला ।
करती आराधना तेरी पूजा तेरी गुण गाऊ करूं अरज तुझसे 
ही ।।
ये तन रखना स्वस्थ मन मैं न रखना मैल ।
दीप जले स्नेह के ऊर मैं ।



वर्षा उपाध्याय
खंडवा, एम. पी.

   13
2 Comments

अदिति झा

27-Apr-2023 08:19 PM

Nice 👍🏼

Reply

बेहतरीन

Reply