एक दुल्हन की हस्ती

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ख्याब सजाये थे मैने भी कई एक डर भी था और खुश भी थी न जाने कैसा होगा मेरे पिया का आँगन हर बार बात बदलते थे हर बार मेरे जज्बात ...

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