जिंदगी इक पहेली

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 जिंदगी इक पहेली  जिंदगी मेरी धूप छांव सी लगी, कभी सुलझी कभी उलझी पहेली लगी कभी खुशी कभी गम दे जाती है, जिंदगी हर दम नए रूप दिखाती है। चाहूं जो ...

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