लेखनी प्रतियोगिता -03-Jan-2023 कल्पना

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जब सुबह उठूँ उदासी से भरी और धूमिल सी हो उम्मीद कोई तुम बनकर किरण पहली- पहली मेरे आँगन में आ करके  तुम इन सूनी आँखों में मेरी  इक उम्मीद की ...

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