कबीर दास जी के दोहे

255 भाग

52 बार पढा गया

1 पसंद किया गया

कबीरा गरब ना कीजिये, कभू ना हासिये कोय अजहू नाव समुद्र में, ना जाने काहोए।।  ...

अध्याय

×