1 भाग
105 बार पढा गया
0 पसंद किया गया
रुखसती ज़िन्दगी भर तेरे साथ के लिए मैं तो तरस गई l होके तुझसे दूर मैं तो दुनिया से ही रुख़सत हो गईl मुझको मलाल रह गया बस तुझसे जुदाई ...
Don't have a profile? Create