शिकागो वक्तृता: धर्म महासभा: स्वागत भाषण का उत्तर -11 सित. 1893 - स्वामी विवेकानंद, विश्व धर्म सभा,

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 अमेरिकावासी बहनों तथा भाईयों, आपने जिस सौहार्द और स्नेह के साथ हम लोगों का स्वागत किया हैं, उसके प्रति आभार प्रकट करने के निमित्त खड़े होते समय मेरा हृदय अवर्णनीय हर्ष ...

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