लेखनी प्रतियोगिता -13-Dec-2022

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कशमकश  जब भी भरोसा रखा हूं गैरों पर मैने पाई हर बार घोर निराशा है। अब तेरे सहारे की जरूरत नही, मैने खुद में खुद को तलाशा है। कशमकश में बीत ...

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