शायरी

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किस्मत का लिखा कौन मिटा पाया है..  टूट गया है रिश्ता कौन बचा पाया है..  चाहते है हम जहाँ अपनी मंज़िल बनाना,,  मुकद्दर वहा अपना रास्ता कहा बना पाया है.  गुनहगार ...

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