1 भाग
320 बार पढा गया
21 पसंद किया गया
जनार्दन प्रसाद गुप्ता सौरीगृह के बाहर बड़ी बैचेनी के साथ चक्कर काट रहे थे,तभी उनकी विधवा माँ अनुसुइया आकर बोली.... अरे इस बार क्यों घबराता है,हरिद्वार से आए़ ज्योतिषी ने गारण्टी ...
Don't have a profile? Create