दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय कविता

1 भाग

274 बार पढा गया

11 पसंद किया गया

कविता का शीर्षक ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मै संसार मे सबको अपना बनाने की कोशिश किया करती हूं। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गम की दरिया मे रहकर, औरों का सहारा बनती हूं,।औरों के आंसू पीकर, मै प्यास ...

×