दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय तन्हाई

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🌹मेरी तन्हाईयों का वजूद तुम हो..  मेरी हर नज़्म में मौजूद तुम हो ...!  कैसे बताऊं और कैसे जताऊं तुम्हें ..  मेरी हर सांस का वजूद तुम हो ..!!  आधा अधूरा ...

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